Elvish Yadav साँप जहर विवाद: दावों का खुलासा
घटनाओं के एक चौंकाने वाले मोड़ में, लोकप्रिय यूट्यूबर एल्विश यादव रेव पार्टियों में सांप के जहर का उपयोग करने के आरोपों के साथ खुद को कानूनी तूफान के केंद्र में पाता है। भाजपा सांसद मेनका गांधी, जिनके एनजीओ ने प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, का दावा है कि यह ग्रेड 1 वन्यजीव अपराध है जिसमें सात साल की जेल की सजा हो सकती है। हालाँकि, एल्विश यादव सभी आरोपों से इनकार करते हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ अपने सहयोग का वादा करते हैं। आइए इस विवाद के विवरण में उतरें और कहानी के विभिन्न पक्षों का पता लगाएं।
आरोप
अपने मनोरंजक यूट्यूब कंटेंट के लिए जाने जाने वाले एल्विश यादव पर रेव पार्टियों में सांप के जहर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप गंभीर निहितार्थों के साथ आता है, क्योंकि सांप का जहर न केवल अपने पास रखना गैरकानूनी है बल्कि इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम भी हो सकते हैं। मेनका गांधी के अनुसार, किंग कोबरा, कथित तौर पर शामिल प्रजातियों में से एक, तब मर जाते हैं जब उनका जहर निकाला जाता है, जो उनके भोजन के पाचन के लिए आवश्यक है। यह कृत्य न केवल कानून के विरुद्ध है बल्कि इन सरीसृपों के संरक्षण के लिए भी हानिकारक है। मेनका गांधी का दावा है कि इन आरोपों के पीछे कोई बड़ी आपराधिक कार्रवाई हो सकती है।
मेनका गांधी का दृष्टिकोण
प्रमुख भाजपा सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी एल्विश यादव पर कड़ी नजर रख रही हैं। उनकी चिंताएं Elvish Yadav द्वारा अपने यूट्यूब वीडियो में सांपों के इस्तेमाल को लेकर हैं। इसके बाद उनके एनजीओ को आगे की जांच करनी पड़ी और अंततः सांप के जहर की कथित बिक्री से संबंध उजागर हुआ। गांधी के अनुसार, इसमें शामिल जानवरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों को संभावित नुकसान को देखते हुए, गंभीर चिंताएं पैदा हुईं।
गांधी ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए इसे ग्रेड 1 अपराध बताया जिसमें सात साल की जेल की सजा का प्रावधान है। वह बताती हैं कि देश में कोबरा और अजगर बहुत कम हैं, जिससे उनका अवैध उपयोग उनकी पहले से ही घटती आबादी के लिए खतरा बन गया है। वह एल्विश यादव के छिपने के फैसले पर सवाल उठाते हुए उसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग करती है। उनका तात्पर्य है कि अधिकारियों से बचने के बजाय, अधिकारियों के साथ सहयोग करने से उनकी बेगुनाही बेहतर साबित होगी।
एलविश यादव की प्रतिक्रिया
एल्विश यादव ने अपने बयान में अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। यादव के मुताबिक ये आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं.
हालाँकि, मेनका गांधी ने उनके भागने के फैसले पर सवाल उठाकर उनके दावों का खंडन किया। उनका कहना है कि यह सुर्खियों में बने रहने की एक रणनीति हो सकती है। बहरहाल, यादव अपनी बेगुनाही पर जोर देते हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वह इसे कानूनी तरीकों से साबित करने को तैयार हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
मेनका गांधी ने सांप के जहर से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला, जिससे लिवर और किडनी फेल हो सकते हैं और यहां तक कि मस्तिष्क पर भी असर पड़ सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। रेव पार्टियों में सांप के जहर का इस्तेमाल न केवल गैरकानूनी है बल्कि इसमें शामिल लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरा है।
निष्कर्ष
एल्विश यादव सांप के जहर विवाद ने काफी बहस छेड़ दी है। हालांकि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं, एल्विश यादव ने अपनी बेगुनाही और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की इच्छा बरकरार रखी है। दूसरी ओर, मेनका गांधी वन्यजीव संरक्षण के महत्व और कथित गतिविधियों से होने वाले संभावित नुकसान पर जोर देती हैं। कानूनी कार्यवाही और जांच अंततः इन दावों के पीछे की सच्चाई का निर्धारण करेगी। तब तक, यह मामला सार्वजनिक हित और जांच का विषय बना हुआ है।