12th Fail “विक्रांत मैसी 12वीं फेल में चमके”

12th Fail बॉक्स ऑफिस कलेक्शन: विधु विनोद चोपड़ा की नवीनतम रत्न में विक्रांत मैसी चमके

12th Fail

परिचय:

महान विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित विक्रांत मैसी की नवीनतम फिल्म, “12वीं फेल” ने अपने शुरुआती दिन में बॉक्स ऑफिस पर तूफान मचा दिया है। कंगना रनौत की “तेजस” के साथ रिलीज हुई इस फिल्म ने रूपए 1.1 करोड़ के कलेक्शन के साथ शुरुआत की। यह न केवल एक असाधारण शुरुआत है, बल्कि यह विक्रांत मैसी के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को भी दर्शाता है। आइए इस सिनेमाई मास्टरपीस के बारे में विस्तार से जानें जो फिल्म उद्योग में धूम मचा रही है।

अध्याय 1: एक विनम्र शुरुआत

“12वीं फेल” ने शुक्रवार को बड़े पर्दे पर अपनी शुरुआत की और कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित “तेजस” के साथ सुर्खियां साझा कीं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, यह पहले दिन रूपए 1.1 करोड़ की ओपनिंग करके दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रही। यह प्रभावशाली शुरुआत फ़िल्म की संभावित सफलता का आधार तैयार करती है।

अध्याय 2: एक दिलचस्प कथानक

यह फिल्म अनुराग पाठक के उपन्यास पर आधारित है और आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी की यात्रा का वर्णन करती है। कहानी उनके संघर्षों और चुनौतियों के इर्द-गिर्द घूमती है। विक्रांत मैसी और मेधा शंकर मुख्य भूमिका निभाते हैं, और विधु विनोद चोपड़ा के विशेषज्ञ निर्देशन में, वे पात्रों को जीवंत बनाते हैं।

अध्याय 3: विक्रांत मैसी का शानदार प्रदर्शन

आलोचक और दर्शक समान रूप से विक्रांत मैसी द्वारा निभाए गए मनोज कुमार शर्मा के किरदार की सराहना कर रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की समीक्षा ने इसे मैसी के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करार दिया, और यह सही भी है। मैसी का चित्रण भावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करता है, स्कूल में एक लापरवाह किशोर से लेकर एक दृढ़ यूपीएससी छात्र तक, जो सफलता के लिए नींद का त्याग करने को तैयार है। उन्होंने सचमुच में मनोज के चरित्र को मूर्त रूप दिया है और शिकायतों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है।

अध्याय 4: सफलता की पुनर्कल्पना

विक्रांत मैसी ने फिल्म के केंद्रीय विषय पर जोर देते हुए फिल्म पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा, “फिल्म सिर्फ हिंदी भाषा के बारे में नहीं है, बल्कि फिल्म मुख्य रूप से जीवन को फिर से शुरू करने और उसके संघर्ष के बारे में बात करती है। आम धारणा यह है कि अगर कोई शिक्षा में असफल होता है तो वह जीवन में असफल होगा। मैं इससे सहमत नहीं हूं।” हां, शिक्षा बेहतर जीवन का प्रवेश द्वार है लेकिन केवल शैक्षणिक सफलता ही सफलता नहीं है। यदि आप असफल हो गए हैं,  तो आप फिर से शुरू कर सकते हैं और आप फिर से अपने सपने को हासिल कर सकते हैं।”

अध्याय 5: विधु विनोद चोपड़ा का दृष्टिकोण

इस प्रेरणादायक फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा का मानना है कि यह आशा और लचीलेपन की कहानी है। अपने शब्दों में, उन्होंने कहा, “आज के समय में, मैं आशा की एक कहानी, कभी हार न मानने की कहानी बताना चाहता था। 12वीं फेल यह सब और उससे भी अधिक है। मैं हंसा, रोया, साथ गाया और इसे बनाने में  मजा आया।” फिल्म। मुझे विश्वास है कि जब यह फिल्म सिनेमाघरों में आएगी तो इसे सार्वभौमिक जुड़ाव मिलेगा।”

निष्कर्ष:

“12वीं फेल” सिर्फ एक फिल्म नहीं है; यह एक ऐसी यात्रा है जो मानवीय भावना के लचीलेपन और विफलता पर काबू पाने के दृढ़ संकल्प की पड़ताल करती है। विक्रांत मैसी के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और विधु विनोद चोपड़ा की दूरदर्शिता के साथ, यह फिल्म एक हिट होने की ओर अग्रसर है जो जीवन के सभी क्षेत्रों के दर्शकों को पसंद आएगी। यह हमें सफलता की हमारी परिभाषा पर पुनर्विचार करने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें याद दिलाता है कि विफलता हमारे सपनों को प्राप्त करने की राह में एक कदम मात्र है। इस सिनेमाई रत्न को बड़े पर्दे पर देखने का अवसर न चूकें। “12वीं फेल” सिर्फ एक कहानी नहीं है; यह एक ऐसा अनुभव है जो क्रेडिट आने के बाद भी लंबे समय तक आपके साथ रहेगा।

 

 

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